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ज्यादातर इतिहास पढ़ते समय स्टूडेंट्स जब राष्ट्रीय आंदोलन पढ़ने लग जाते हैं तो उन्हें अनेक राष्ट्रवादियों के नाम याद रखने मैं दिक्कत आती है तथा कई नाम तो एक जैसे होते हैं जो उन्हें कन्फ्यूस कर देते हैं
अतः उन्हीं नामों मैं से दो नाम है
रासबिहारी घोष और रासबिहारी बोस :-
1. रासबिहारी घोष - यह कांग्रेस के उदारवादी / नरम दल के नेेता थे ,ये कांग्रेेेस के 1906 के कलकत्ता अधिवेशन मैं स्वागत समिति के अध्यक्ष बने तथा 1907 मैं सूरत अधिवेशन के अध्यक्ष बने , जिसमें कांग्रेस का विभाजन हुआ ।।
अतः उन्हीं नामों मैं से दो नाम है
रासबिहारी घोष और रासबिहारी बोस :-
1. रासबिहारी घोष - यह कांग्रेस के उदारवादी / नरम दल के नेेता थे ,ये कांग्रेेेस के 1906 के कलकत्ता अधिवेशन मैं स्वागत समिति के अध्यक्ष बने तथा 1907 मैं सूरत अधिवेशन के अध्यक्ष बने , जिसमें कांग्रेस का विभाजन हुआ ।।
2.रासबिहारी बोस :- इनके नाम के पीछे 'बोस' लगा होने के कारण सुुुभाष चंद्र बॉस जी से तुलना कर सकते हैं क्योंकि वह भी क्रांतिकारी नेता थे और यह भी एक क्रांतिकारी नेता ही हैैैै इसलिए इनका नाम याद रखना सरल हो जाता है , इन्होंने आजाद हिंद फौज मैं सुभाष चंद्र बोस जी के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया था।।
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